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00:00:00 [संगीत] नमस्कार एक बार फिर से मैं आप सभी के सामने उपस्थित हूं बेहद महत्त्वपूर्ण टॉपिक के साथ यहां पर केंद्र सरकार ने जो श्रमिक हैं उनको एक बहुत बड़ा तोहफा देते हुए उनकी जो मजदूरी है उसको बढ़ा दिया यानी उनका जो वेज था वेतन था उसको बढ़ा दिया गया है इसी पर आज हम बात करने वाले हैं कि आखिर अब उनका मिनिमम जो वेतन है वह कितना होने वाला है साथ ही साथ यह जो वेतन बढ़ाने की प्रक्रिया है व किस प्रकार से सरकार करती है और यहां पर आज हम कुछ महंगाई के बिंदुओं पर भी चर्चा करेंगे कि कैसे-कैसे आपका इंफ्लेशन बढ़ा और घटा है
00:00:38 इस साल में और कैसे-कैसे प्रति व्यक्ति भोजन जो आपका थाली आता है उसका जो फूड प्रिपेयर होता है उसमें कितना पैसा लगता है तो उसी अकॉर्डिंग आपका जो वेतन है वेज है ये सारी चीजें तय करी जाती हैं ठीक है तो इसी पर डिटेल से आसेस करने वाले हैं मेरा नाम है प्राचीन मिश्र और संस्कृति आईएस के इस प्लेटफॉर्म पर आप सभी का स्वागत है चलिए बिना देरी के अपनी क्लास को शुरू कर लेते हैं और देखते हैं क्या इंपॉर्टेंट पॉइंट्स हैं देखिए तो हाल ही में केंद्र सरकार ने श्रमिकों की जो न्यूनतम मजदूरी है इसमें बढ़ोतरी का फैसला किया है और नई मजदूरी की जो आपकी दरें हैं 00:01:08 वो 1 अक्टूबर 2024 से लागू हो जाएंगी यहां पर कहा जा रहा है कि ये दिवाली का तोहफा यहां पर मजदूरों को दिया गया है लेकिन एक चीज आपको इसमें याद रखनी है कि जो स्किल्ड लेब लेबर्स हो जाते हैं आपके हाफ स्किल्ड लेबर है जो अनस्किल्ड लेबर हैं उनके लिए इसका जो चार्ज है वो अलग-अलग रखा गया यानी कि जो वेतन है वो अलग-अलग रखा गया है यहां पर ये जो वेतन आपको यहां पर दिखाई देगा यह आपके फुली स्किल्ड लेबर के लिए बताया जा रहा है ठीक है चलो आगे आ जाते हैं सरकार ने श्रमिकों की न्यूनतम मजदूरी में बढ़ोतरी करने का फैसला लिया है और ऐसा
00:01:39 इसलिए किया गया है क्योंकि महंगाई की जो दरें हैं वह लगातार परिवर्तित होती जा रही है तो इसी को देखते हुए उन्होंने क्या किया है परिवर्तनीय महंगाई भत्ते में संशोधन किया है इसमें निर्माण खनन और कृषि जैसे अनौपचारिक जो क्षेत्र हैं इसमें जो आपके श्रमिक शामिल हैं उनके लिए यह नियम लागू कर दिया जाएगा और जो न्यूनतम मजदूरी है वो अब आपकी 1 अक्टूबर से पूरी तरीके से जैसी सरकार ने निर्धारित करी है वैसी दी जाएगी लेकिन आप सभी का क्या कहना है यहां पर निर्धारित की गई कि 26900 कुछ रुपए होगी तो क्या वाकई 26000 दिए जाते हैं एक 00:02:13 श्रमिक को अगर श्रमिक को 26000 दिए जा रहे होंगे तो जो निर्माण में है खनन में है या कृषि में है तो उनको कोई प्रॉब्लम ही नहीं आएगी क्योंकि सरकार तो निर्धारित कर देती है कि भाई इतना मिनिमम वेज है लेकिन उसको जो पेमेंट करता है उसका जो मालिक है जो देगा वो उतनी कभी नहीं देते कि मिनिमम यहां पर दिल्ली की यदि मैं बात करूं तो यहां पर कहा जाता है जो मिनिमम मजदूरी है वोह 177000 आपको देनी पड़ेगी लेकिन यहां पर देखिए बहुत सारे जो वर्कर्स हैं जो ऑफिस बॉयज हो जाते हैं या इस सब इस तरीके की उनको 10 12000 15000 मैक्सिमम दिया 00:02:43 जाता है इससे ज्यादा नहीं दिया जाता जबकि मिनिमम मजदूरी आपकी 177000 यानी कि 177000 आपको देनी ही देनी है ठीक अब देखने वाली बात ये है कि यहां पर तो ये निर्धारित कर दिया गया है अब ये कैसे दिया जाएगा या कैसे आगे प्रोसेस होने वाला है क्योंकि सरकार का काम है नियम बनाना लागू करना दैट्ची की हरार की है जो जिस तरीके से व करती है वहां पर आपको ऊपर नीचे चीजें देखने को मिल जाती हैं ठीक तो इस पर आपकी क्या राय है मुझे अवश्य बताइएगा आगे आते हैं सरकार का कहना है कि ये बढ़ोतरी महंगाई से निपटने के लिए श्रमिकों की क्या 00:03:12 करेगी मदद करेगी ठीक है क्योंकि औद्योगिक श्रमिकों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में 2.40 अंक की बढ़ोतरी हुई है इस वजह से आगे देख लेते हैं न्यूनतम मजदूरी आखिर होती क्या है देखिए न्यूनतम मजदूरी व न्यूनतम राशि है मिनिमम बताया गया है कि मिनिमम तो इतना देना ही देना है आपको को जो न्यूनतम राशि है जो कि एक नियोक्ता को अपने किसी भी कर्मचारी को कानूनी रूप से भुगतान करनी होती है वह आपकी होती है न्यूनतम मजदूरी अभी जो न्यूनतम मजदूरी बढ़ा के की गई है वोह आपकी ₹ 1970 के आसपास कर दी गई है यानी कि 77000 न्यूनतम मजदूरी सरकार ने कर दी है आगे आते 00:03:49 हैं ये एक तरी एक तरह से मजदूरी की वह सीमा होती है जिससे कम किसी भी कर्मचारी को भुगतान नहीं किया जा सकता है इट्स अ डेडलाइन एक तरीके से होता ना डेडलाइन कि भाई इससे नीचे तो ना ही देना नहीं है आगे बात करते हैं भारत में राज्यों की सरकारों की तरफ से इसे समय-समय पर तय किया जाता है आगे बात करते हैं इसका उद्देश्य है कि सभी कर्मचारियों को कम से कम एक निश्चित राशि मिले चाहे वे किसी भी काम में लगे हुए हो आगे देखते हैं भारत में न्यूनतम मजदूरी अधिनियम 1948 के तहत न्यूनतम मजदूरी आपकी निर्धारित करी जाती है ठीक है आगे बात कर 00:04:23 लेते हैं तो इस अधिनियम के तहत केंद्र सरकार साथ ही साथ राज्य सरकार विभिन्न क्षेत्रों के लिए अलग-अलग न्यूनतम मजदूरी निर्धारित करती है तो हर एक सेक्टर के लिए आपकी न्यूनतम मजदूरी जो है वह अलग-अलग निर्धारित करी गई है लेकिन डेली लाइफ में देखो तो बहुत सारे लोगों को इसके बारे में पता नहीं होता है तो उनको वो जो न्यूनतम मजदूरी उनके लिए निर्धारित है उतना भी पैसा नहीं मिल पाता है ठीक है आगे आ जाते हैं नई मजदूरी दर 1 अक्टूबर से आपकी लागू होने वाली है जैसे बताया गया अब देखिए नई जो न्यूनतम मजदूरी है वो किस हिसाब से 00:04:58 आपकी कैटेगरी इज करी गई है कैसे कैसे यहां पर पैसा दिया जाएगा देखिए अनस्किल्ड जो हैं उनके लिए है दैनिक वेतन ₹ 7783 और उनका जो मंथली बनेगा दैट इज 0358 जो सेमी स्किल्ड हैं उनके लिए है ₹ 68 पर डे का एंड द मंथली इज 22 2568 जो स्किल्ड लेबर हैं उनके लिए है 954 और उनका जो मासिक है दैट इज ₹ 4804 एंड द हाई स्किल्ड की यहां पर बात की गई है व्हिच इज 1035 और मंथली वेज उनका हो जाएगा 2691 इतनी सरकार ने बना दी है अब अब ये जो वेज आपका तैयार किया गया है ये जो वेतन आपका तैयार किया गया है ये आपके 26 दिन के आधार पर यहां पर बताया गया है आगे आते हैं 00:05:46 सरकार वर्ष में दो बार रिवाइज्ड करती है आपकी मजदूरी सरकार हर बार प्रत्येक वर्ष यानी कि दो अप दो बार अप्रैल और अक्टूबर में इसको रिवाइज्ड करती है इसमें इंडस्ट्रियल सेक्टर में काम करने वाले आपके श्रमिक शामिल होते हैं नया वेज तय करने के लिए सरकार कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स में 6 महीने की औसत बढ़ोतरी और इंफ्लेशन का सोर्स देखती है एंड देन उसके बाद क्या करती है डिसाइड करती है कि अब इसकी कितनी हमें न्यूनतम मजदूरी करनी है तीन कैटेगरी में रखा गया है मजदूरी को कैसे-कैसे सबसे पहले देख लेते हैं न्यूनतम मजदूरी दरों को कौशल के स्तर पर जो अभी 00:06:19 हमने देखा था पीछे क्या था आपको कौशल के स्तर पर बताया गया था कि कितनी मजदूरी होनी चाहिए स्किल्ड सेमी स्किल्ड ठीक है आपके उसके बाद आ जाते हैं अनस्किल्ड एंड हाई स्किल्ड तो ये क्या है कौशल है आपका कि आप उस वर्क में कितने ज्यादा स्किल्ड हैं कोई होता है ना अपने वर्क का मास्टर होता है कि अगर मान लीजिए कि कोई किसी मशीन पे वर्क कर रहा है तो उसको पूरी तरीके से उसके बारे में पता है तो वो अपने काम का क्या है मास्टर है और कोई जब नया-नया आता है तो उसको सीख रहा होता है तो हम उसको कहते हैं कि ये सेमी स्किल्ड है धीरे-धीरे जब काम करेगा टाइम के साथ तो 00:06:47 वो पूरी तरीके से स्किल हो जाएगा तो ये वही सारी चीजें हैं आगे आ जाते हैं अब न्यूनतम मजदूरी दर किससे निर्धारित हो रही है कौशल के तौर पर कौशल में क्या है आपका अकुशल अर्ध कुशल कुशल और अत्यधिक कुशल आगे आ जाते हैं दूसरा आपका निर्धारित होता है भौगोलिक क्षेत्र के अकॉर्डिंग यानी कि कहां पर आप काम कर रहे हैं ठीक है मान लीजिए अभी मैं ही हूं मैं अपने होमटाउन जो मेरा कस्बा है वहां पढ़ा रही होती ठीक है तो वहां पर मुझे उस कस्बे के अकॉर्डिंग जो पेमेंट है वो मिल रहा होता अभी लोग क्या कहते हैं कि हम गांव से निकल कर के शहरों 00:07:19 में कमाने जा रहे हैं क्यों क्योंकि शहरों में क्या है ज्यादा पैसा दिया जाता है ठीक लेकिन आपसे काम भी करवाया जाता है सेम वैसा ही है भौगोलिक स्थिति के आधार पर यहां पर ए बी सी के आधार पर इसको वर्गीकृत किया जाता है संशोधन के बाद अकुशल काम के लिए ए कैटेगरी में शामिल है कंस्ट्रक्शन झाड़ू लगाने वाले सप्लाई करने वाले लेडि अनलोडिंग यह इसका जो काम करते हैं वह आपके a कैटेगरी में आते हैं आगे आ जाते हैं सरकार मजदूरी दर कैसे बढ़ाती है मजदूरी पर फैसला लेने के लिए सरकार महंगाई को सोर्स बनाती है वह देखती है कि इस टाइम क्या 00:07:47 इंफ्लेशन जो रेट है वह चल रहा है इंडिया में इसके लिए यह देखना जरूरी है कि देश में रिटेल महंगाई होलसेल महंगाई और एक थाली जो शाकाहारी भोजन है उसकी औसत कीमत क्या हो जाती है इसको देखती है अब जब ये एक थाली की औषध कीमत निकालती है कि भाई इसको बनने में इतना लग रहा है तो उस अकॉर्डिंग फिर वो वेजस को निर्धारित करती है तो आई होप आपको ये समझ में आया होगा खुदरा मुद्रा स्फीति जिसको हम कहते हैं रिटेल महंगाई आखिर ये क्या हो जाता है देखिए जब एक निश्चित अवधि में वस्तुओं या सेवाओं के मूल्य में वृद्धि के कारण मुद्रा के मूल में गिरावट दर्ज की जाती है 00:08:19 तो उसको हम क्या कह देते हैं मुद्रा स्फीति कह देते हैं कि एक निर्धारित आपके निश्चित अवधि में क्या हो रहा है कि वस्तुएं और जो सीमाएं हैं उनके मूल्य जो है उनमें वृद्धि के कारण क्या हो रहा है मुद्रा के मूल्य में गिरावट होती जा रही है यानी कि प्राइस जो वैल्यू है पहले ₹1 के नोट से हम मान लीजिए कि 5 किलो आलू ले देते थे ₹1000000 से लेकिन अभी क्या है उस ₹1 से हमें सिर्फ 2 किलो आलू मिल रहे हैं तो इसका मतलब क्या है कि हमारा जो पैसा है मूल्य है उसमें गिरावट आई है ठीक अभी हम अभी हम ₹1 में 4 किलो आलू नहीं खरीद पा 00:08:52 रहे हैं क्योंकि हमारा पैसा कम हो गया अभी हम उसे और डालने पड़ेंगे तब हम उसके बाद क्या है 4 किलो आलू 5 किलो आलू खरीद पाएंगे अभी सिर्फ ₹1 में हमारे कितने कितने आलू आ रहे हैं 2 किलो आलू आ रहे हैं तो इसका मतलब क्या है कि एक निश्चित अवधि में वस्तुओं और सेवाओं का जो मूल्य है वो बढ़ गया है और उसकी अपेक्षा हमारे पास जो पैसा है प्राइस है वो कम हो गया है आगे आ जाते हैं मुद्रा स्फीति में जब प्रतिशत में व्यक्त करते हैं तो यह मघई दर या फिर ु खुदरा मुद्रा स्फीति आपकी कहलाती है जब इसको परसेंटेज में निकालते हैं आगे आ जाते 00:09:20 हैं वित्त वर्ष 2024 25 में हमारी रिटेल महंगाई किस प्रकार से घटी बढी है यह देख लेते हैं देखिए शुरुआत करेंगे हम अप्रैल से यहां पर 4.83 पर थी इसके बाद मई आता है थोड़ी सी कम होती है व्हिच इज़ 4.75 देन जून आता है अगेन बढ़ जाती है व्हिच इज़ 5.8 एंड दिस इज़ द हाईएस्ट नाउ ने नेक्स्ट आप देख लीजिए जुलाई जुलाई में यह 3.54 हो जाती है जो सबसे कम अभी दिखाई गई है अभी तक की जुलाई में सबसे कम थी इसके बाद आपका आ जाता है अगस्त और यहां पर है 3.65 अगेन थोड़ी सी बढ़ती हुई दिखाई दे रही है हमारी रिटेल महंगाई चलो आगे आ जाते 00:09:55 हैं थोक मुद्रा स्फीति यानी कि होलसेल महंगाई किस प्रकार से है देखो खुदरा सामान रिटेल में जो हम सामान लेने जाते हैं परचून की दुकान में जो मैंने आपको एग्जांपल दिया था कौन सा वाला कि ₹1 में हम मान लीजिए पेस्ट खरीदने जा रहे हैं या इस तरीके की चीजें खरीद हैं या फिर हम सब्जी वगैरह खरीद रहे हैं ठीक है अब वही सामान हम होलसेल में खरीदने चले जाए कि हमें अब आलू का कट्टा चाहिए और आलू का बिजनेस करना है मुझे ठीक है अब आलू मुझे खरीदना है आलू का बिजनेस करना है मेरे को बड़ा सा तो भाई उसके लिए होलसेल कुछ प्राइस अलग प्राइस लगेंगे रिटेल के लिए 00:10:21 अलग प्राइस होते हैं तो यहां पर होलसेल के बारे में बताया गया है कि अब तक थूक महंगाई का हाल क्या है अप्रैल की बात करें यह था आपका 1.26 सबसे न्यूनतम था अप्रैल में देन ये आपका बढ़ना शुरू हुआ और मई में यह 2.61 पर हो गया बढ़ कर के इसके बाद जून में आते हैं सबसे ज्यादा था 3.36 पर देन अगेन ये ड्रॉप होने लगा एंड दिस इज नाउ 2.04 एंड सबसे कम यदि मैं अभी देखूं लाइक नॉट सबसे कम अब सबसे शायद निचले स्तर पर अभी है इस टाइम धीरे-धीरे कम होगा तो 1.31 पर अभी दिखाई दे रहा है अगस्त में सबसे कम आपका था अप्रैल में 1.26 पर चलो अब यहां 00:11:02 पर आपका बताया गया है कि 13 महीने में जो सरकार ने नोटिस किया छछ महीने में वो क्या करती है देखती है ना कि क्या प्राइस बढ़ रहे हैं घट रहे हैं तो 13 महीने में सरकार ने यहां पर एक डाटा निकाला हमें लगता है सरकार कोई काम नहीं करती लेकिन सरकार के बहुत सारे काम है वो इनका भी डाटा निकालती है देखिए अब उसने अगस्त 2023 से शुरू किया था कि एक वज थाली को बनाने में ये थोक का है कि एक वज थाली प्रिपेयर करने में वो जो जहां ढाबा वाला है जो रेस्टोरेंट वाला है उसको कितना पैसा लगता है तो एक वेज थाली को बनने में लगते हैं ₹ वहीं एक नॉनवेज 00:11:33 थाली को बनने में लगते हैं ₹ 7 बिकॉज़ देयर इज अ चिकन तो इसलिए चिकन के प्राइस यहां पर ज्यादा ऐड किए गए हैं सितंबर आते हैं कम होता है 28 फिर उसके बाद ₹ 7 ₹10 29 2827 27 27 27 जून से बढ़ना शुरू हो गया फिर उसके बाद जुलाई में 32 एंड अगस्त में 31 तो मंथली यहां पर जो चेंज आया -4 पर का और इयरली जो है -8 पर का और इसी तरीके से आपकी वज थाली है अब यहां पे ये आंकड़े आपके लिए गए हैं कि इतने रुपए में आप आपकी जो प्राइमरी थाली है जो पैसा है बनाने में लग रहा है तो वो आपका इतना रुपया लगता है इसके बाद रिटेल में तो आपको 00:12:06 अलग थाली पर दी जाती है कि यही थाली आपको कोई 50 में देता है यही थाली आपको कोई 70 में देता है यही थाली आपको कोई 100 में देता है और उससे जो बचता है वो उसका प्रॉफिट होता है ठीक चलो तो इसी अ इसी अकॉर्डिंग सरकार क्या करती है आपके जो वेज है उनको तय करती है यानी कि आपका जो सैलरी है उसको फिक्स करती है चलो महंगाई कैसे प्रभावित करती है महंगाई का सीधा संबंध किससे है परचेसिंग पावर से है व्हिच इज वेरी सिंपल कि अगर मान लीजिए कि कोई उसके पास क्षमता है आराम से बना लेगा कोई दिक्कत नहीं है किसी ने बोला मेरे को 10 00:13:03 लाख फोन चाहिए अर्जेंट कल तक ही मुझे चाहिए तो बोलेंगे ठीक है भाई मैन पावर मेरी ज्यादा लगेगी तो एक काम करते हैं कि ठीक है हम वो भी आपका ट्राई करेंगे वहां तक पहुंच गए उन्होंने बना दिया लेकिन उन्होंने बोला कि भाई अब मेरे को ज्यादा सोसे ज्यादा पैसा इसमें लगाना पड़ रहा है ज्यादा चीजें लग रही हैं और क्योंकि आप ऐसे मांग रहे हो तो अब वो क्या करेंगे थोड़ा सा प्राइस बढ़ा देंगे क्या अब आपको बढ़ा करके देंगे यानी कि जब किसी वस्तु का जो है डिमांड ज्यादा होती है मार्केट में ठीक है और सप सलाई कम होती है मार्केट में 00:13:31 डिमांड मान लीजिए आलू की बहुत ज्यादा है इस टाइम आलू का अगेन एग्जांपल ले लेते हैं सब्जी से ले लेते हैं बहुत ज्यादा डिमांड है टमाटर की ठीक है और पीछे से टमाटर आपका कमा रहा है नहीं है उतना तो उस टमाटर का प्राइस बढ़ जाएगा सेम ऐसे अनियन का है इस टाइम हम देख रहे हैं अनियन एंड जो आपका टोमेटो हैं बहुत ज्यादा महंगे तो उनके पास उसका स्टॉक कम है भंडारण सरकार के पास कम है ठीक है तो इसीलिए उसका जो प्राइस है वो बढ़ा दिया जाता है अब वही खरीद पाएगा जिसके पास परचेसिंग की क्षमता होगी तो इसी तरीके से आपका मार्केट चलता है ठीक है चलो 00:13:59 आगे आ जाते हैं अब मान लीजिए यहां पे बताया गया है कि महंगाई दर और आपका जो वेज है उसका संबंध क्या होता है मान लीजिए महंगाई दर 6 पर है और आपको जो पैसा मिल रहा है वो ₹1000000 डिमांड ज्यादा नहीं है सप्लाई बहुत ज्यादा हो गई किसी वर्ष आलू इतना ज्यादा हो गया कि पूछो नहीं और फिर उसके मार्केट में खरीदने वाले लोग नहीं है तो आलू आपका 222 किलो बिकेगा तो ये कुछ इसी तरह से काम कर रहा है और ये आपको आई थिंक पता होगा क्योंकि बहुत बचपन में हमें ये सिखाया गया है आगे आते हैं सीपीआई से तय होती है आपकी महंगाई अभी सीपीआई क्या होता है देखिए एक 00:14:47 ग्राहक के तौर पर आप और हम रिटेल मार्केट से सामान खरीदते हैं इससे जुड़ी कीमतों में बदलाव को दिखाने का कार्य कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स करता है जिसको हम सीपीआई कहते हैं देखिए ये सामान और सर्विसेस के लिए जो औसत मूल्य चुनते हैं वो वो सीपीआई उसी को मापता है कच्चे तेल कमोडिटी की कीमतें मैन्युफैक्चर्ड कॉस्ट के अलावा कई अन्य चीजें होती हैं जिनकी रिटेल महंगाई दर पर एक अपनी अहम भूमिका होती है और करीब 300 सामान ऐसे हैं जिनकी कीमतों के आधार पर रिटेल महंगाई का रेट तय किया जाता है अब न्यूनतम मजदूरी अधिनियम एट दी एंड पढ़ 00:15:17 लेते हैं हम 1948 व्हिच इज वेरी इंपोर्टेंट फॉर अस कि न्यूनतम मजदूरी अधिनियम 1948 भारत में कानून का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा हो जाता है जो हमारी मजदूरी तय करता है ठीक है ये सभी कर्मचारियों के लिए न्यूनतम मजदूरी निर्धारित करता है अधिनियम में कहा गया है कि सरकार को प्रत्येक श्रेणी के लिए न्यूनतम मजदूरी तय करनी चाहिए लास्ट में आपके लिए क्वेश्चन है आंसर जरूर देना कि हाल ही में केंद्र सरकार ने न्यूनतम मजदूरी बढ़ाने की घोषणा की है ये कब से लागू होगी फर्स्ट ऑफ नवंबर फर्स्ट ऑफ अक्टूबर फर्स्ट ऑफ दिसंबर या फिर फर्स्ट 00:15:46 ऑफ जनवरी एंड दिस इज द सेशन अब लास्ट हम यहीं पर करते हैं मिलते हैं नेक्स्ट क्लास में एंड थैंक यू सो मच एंड अपना आंसर जरूर दीजिएगा यदि आपकी कोई राय है तो कमेंट बॉक्स में अवश्य बताइएगा मिलते हैं हम नेक्स्ट क्लास में तब तक के लिए धन्यवाद लाइक शेयर सब्सक्राइब करना बिल्कुल भी ना भूले एंड थैंक यू सो मच [संगीत]
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